नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मंगलवार को अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी. यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलेगा. देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं के अतिरिक्त अन्य सभी सेवाओं के ऊपर रोक लगा दी गई है. एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने और कारोबार भी काफी हद तक बंद हैं. ऐसे में आने वाला समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी परेशानी वाला हो सकता है. बता दें कि कुछ समय पहले तक हम ऑटोमोबाइल सेक्टर, रियल स्टेट, छोटे और मझौले उद्योग में छाई हुई मंदी की चर्चा करते रहते थे. बैंकों में हक्ककी समस्या से निजात पाने की कोशिश हम अभी तक कर रहे हैं और अभी भी उसका कोई ठोस रिजल्ट सामने नहीं आ पाया है. दूसरी ओर पीएमसी बैंक और यस बैंक में हुए फर्जीवाड़े ने आग में घी डालने का काम किया है. वहीं अब कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लाग लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट की आशंका बन रही है.मोदी सरकार द्वारा लॉकडाउन के फैसले से भारत की जीडीपी ग्रोथ में भारी गिरावट का अनुमान लगाया जाने लगा है. बता दें कि अंतरराष्टीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने अपने ताजा अनुमान में वित्त वर्ष 2020- 21 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ (तष्ठक्क लहलहूद्ध) रेट के अनुमान को घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है. इससे पहले स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने 6.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जारी किया था. वहीं वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भी एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है. स्टैंडर्ड एड पुअसे ने अनुमान जाहिर किया ह कि काराना वायरस का वजह स एशिया-प्रशात क्षत्र में तकरीबन 620 अरब डॉलर का नुकसान होने की आशंका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनौपचारिक क्षेत्र पर लाकडाउन का असर सबसज्यादा पड़न का आशका ह. गारतलब ह कि भारतीय अर्थव्यवस्था का 50 फीसदी जीडीपी अनौपचारिक क्षेत्र से है. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हए इस क्षेत्र को काफी बड़ा नुकसान हो सकता है. लॉकडाउन की वजह से देश में मौजुद छोटे कारखाने और लघ उद्योगों को कैश की किल्लत होने की आशंका है. कैश की किल्लत होने से इन्हें ऊंचे ब्याज पर कर्ज लेना पडसकता है, जिसकी वजह से वे कर्ज के जाल में भी फंस सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से एविएशन, ट्ररिज्म, ऑटो सेक्टर और होटल सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं.सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (स्तृरू) ने लॉकडाउन की वजह से रोजाना कम से कम 2.300 करोड रुपये के नकसान का अनुमान लगाया है. बता दें कि Maruti Suzuki, Hyundai, Tata Motors, Mahinara, Honda Car India, Kia ME Motors, Toyota, Ford yAill loen ने लॉकटारन को देखते हए अपने प्लांटस बंद रखने का फैसला किया है.
कोरोना वायरसः लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था की टूट जाएगी कमर, इन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर